यूरिक एसिड: मॉडर्न साइंस और आयुर्वेद की नजर से — Natural Uric Acid Treatment by Zane Pharmaceuticals
यूरिक एसिड क्या है? (What is Uric Acid?)
यूरिक एसिड शरीर का एक प्राकृतिक waste product है, जो Purines के टूटने से बनता है। सामान्य परिस्थितियों में, यह किडनी के माध्यम से मूत्र द्वारा बाहर निकल जाता है।
लेकिन जब शरीर अधिक मात्रा में यूरिक एसिड बनाता है या किडनी उसे निकाल नहीं पाती, तो खून में इसका स्तर बढ़ जाता है, जिसे Hyperuricemia कहा जाता है।
यूरिक एसिड बढ़ने के कारण (Causes of High Uric Acid)
मॉडर्न साइंस के अनुसार:
प्यूरीन-युक्त आहार: रेड मीट, सीफूड, राजमा, छोले, मशरूम, पालक, फूलगोभी।
शराब और शुगरी ड्रिंक्स: बियर और फ्रक्टोज़ युक्त पेय।
मोटापा और किडनी की कमजोरी।
कुछ दवाएं जैसे Diuretics और Aspirin।
तनाव और नींद की कमी।
आयुर्वेद के अनुसार:
आयुर्वेद में इसे वातरक्त (Vata Rakta) कहा गया है। यह तब होता है जब वात दोष दूषित होकर रक्त में मिल जाता है, और अमा (toxins) के साथ मिलकर सूजन, दर्द और लालिमा लाता है।
यूरिक एसिड के लक्षण (Symptoms of High Uric Acid)
पैर के अंगूठे या घुटने में तेज दर्द (Gout Attack)
जोड़ों में सूजन और जलन
किडनी स्टोन बनने की संभावना
थकान और बुखार जैसा अनुभव
तुरंत क्या करें (Immediate Relief Steps)
रोज़ाना 3–4 लीटर पानी पिएं।
रेड मीट, शराब, बियर, छोले, राजमा से परहेज करें।
डॉक्टर से ब्लड टेस्ट करवाएं।
सूजन वाली जगह पर बर्फ लगाएं।
प्रभावित जोड़ को आराम दें।
क्या खाएं और क्या न खाएं (Diet Chart)
खाएं (Eat More):
आंवला, संतरा, मौसंबी, कीवी (Vitamin C Source)
दूध, दही, छाछ (Low-Fat Dairy)
लौकी, तोरई, परवल, करेला, खीरा
सेब, केला, चेरी, स्ट्रॉबेरी
साबुत अनाज – जौ और दलिया
न खाएं (Avoid):
रेड मीट, मछली, शराब, बियर
शुगरी ड्रिंक्स और जूस
छोले, राजमा, मसूर – सीमित मात्रा में
आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic Remedies by Zane Pharmaceuticals)
गिलोय (Tinospora cordifolia):
रक्त को शुद्ध करता है और यूरिक एसिड कम करता है।
कैसे लें: सुबह खाली पेट गिलोय जूस या काढ़ा पिएं।
त्रिफला (Haritaki, Bibhitaki, Amla):
शरीर से अमा निकालता है और मेटाबॉलिज्म सुधारता है।
कैसे लें: रात को गुनगुने पानी के साथ 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण।
अजवाइन (Celery Seeds):
प्राकृतिक मूत्रवर्धक जो यूरिक एसिड को बाहर निकालने में सहायक है।
आंवला (Amla):
शरीर का pH संतुलित रखता है और टॉक्सिन्स हटाता है।
अदरक (Ginger):
दर्द, सूजन और stiffness में राहत देता है।
जीवनशैली परिवर्तन (Lifestyle Tips)
धीरे-धीरे वजन घटाएं।
योग और प्राणायाम करें — वज्रासन, भुजंगासन।
तनावमुक्त रहें, पर्याप्त नींद लें।
साल में एक बार Virechan Panchkarma या डिटॉक्स।
हर 6 महीने में यूरिक एसिड की जांच करवाएं।
निष्कर्ष (Conclusion)
यूरिक एसिड को नियंत्रित रखना सिर्फ दवाओं का नहीं, बल्कि जीवनशैली का हिस्सा है।
जहां मॉडर्न साइंस कारण और प्रभाव पर ध्यान देती है, वहीं आयुर्वेद शरीर की मूल जड़ों को संतुलित कर दीर्घकालिक परिणाम देता है।
दोनों का संगम ही सही रास्ता है — स्वस्थ रक्त, स्वस्थ जोड़ और संतुलित जीवन।



